भोर का वो उगता सूरज देता है सबको इक आस, ऐसे ही तुम हो कुछ बहुत खास! भोर का वो उगता सूरज देता है सबको इक आस, ऐसे ही तुम हो कुछ बहुत खास!
वो बहिन थी जिसने अपना हिस्सा खुद न खाकर मुझे खिलाया था वो बहिन थी जिसने अपना हिस्सा खुद न खाकर मुझे खिलाया था
नेह आँचल की छाँव में, सदा खुश रहे जहान। नेह आँचल की छाँव में, सदा खुश रहे जहान।
अपने पतियों को भी एक दिन कब उनकी मर्ज़ी का दिलवायेंगी। अपने पतियों को भी एक दिन कब उनकी मर्ज़ी का दिलवायेंगी।
हर दिन मनाएंगे महिला दिवस स्त्री का साया साल भर हर दिवस। हर दिन मनाएंगे महिला दिवस स्त्री का साया साल भर हर दिवस।
ह्रदय से तुम स्वागत कर पाओ, उस दिन तुम यह दिवस मनाना। ह्रदय से तुम स्वागत कर पाओ, उस दिन तुम यह दिवस मनाना।